जिस प्रकार अग्नि का स्पर्श करने पर बिना इच्छा के भी अग्नि जला देती है, उसी प्रकार गंगा के जल में स्नान करने
पर बिना इच्छा किए हुए ही गंगाजी सभी पापों को धो देती हैं। विभिन्न धर्मर्ग्रथों में गंगाजी की पवित्रता और महात्म को स्वीकार किया गया है। इसके साथ ही गंगाजल पर विभिन्न शोधों से स्पष्ट हुआ है कि वर्षों तक रखने पर भी यह खराब नहीं होता। गंगाजल में स्वास्थ्यवर्धक तत्वों की बहुलता है।
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