Friday, October 22, 2010

एक ही जीवन पर्याप्त है अनेकों जीवन सवांरने के लिए ...



अगर आप सभी जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होकर हजारों हजार वर्षों तक सूक्ष्म में विचरण करना चाहते हैं या जब, जहां, जिस योनि में जन्म लेकर अपने तरीके से जीवन जीना चाहते हैं, तो यह सब कुछ सम्भव है। इस सबके लिए यह वर्तमान जीवन ही पर्याप्त हैं। पर कैसे ? आगे पढ़ें...

उदाहरण के तौर पर, आप समझ सकते हैं कि अगर आप भौतिक क्षेत्र में करोडपति बनना चाहते हैं, तो आपके पास सही रास्ते पर चलते हुये करोडपति बनने के दो रास्ते हैं। पहला रास्ता यह है कि आप कोई बिजनेस चालू करें और उसको अपनी लगन व मेहनत से धीरे- धीरे बढ़ाते हुये करोड़पति बनें। इसके लिए कोई समय सीमा नहीं है। हो सकता है आप कुछ सालों में ही सफल हो जाये या फिर बिजनेस सफल न हुआ तो पूरा जीवन लगाने पर भी करोड़पति न बन पायें। इसी प्रकार, दूसरा रास्ता यह है कि अगर आप किसी सहृदय खरबपति व्यक्ति को खोज लें और उसके पास रहते हुये उसकी हर आज्ञा का पालन करते हुए उसकी इतनी सेवा करें कि वह तुम्हें अपना विश्वासपात्र बना ले। वह तुम्हारे हर सुख दुःख को अपना सुख-दुःख मानने लगे। तब एक दिन ऐसा आयेगा कि तुम्हारे ऊपर खुश होकर तुम्हें वह रास्ता बता देगा कि कम समय में करोड़पति कैसे बन सकते हैं। और, अगर तुम्हारे करोड़पति बनने में कोई अड़चन भी आयेगी, तो उसमें यह क्षमता है कि वह स्वयं तुम्हें एक करोड़ रुपये देकर करोड़पति बना देगा।
ठीक इसी तरह आध्यात्मिक जीवन में हम किसी सद्गुरु की शरण में रहकर उनके मार्गदर्शन में अनेकों साधनाओं को सम्पन्न करते हुये मुक्ति (अमरता) के द्वार तक पहुंच सकते हैं। परन्तु, उसमें कितना समय लगेगा यह अपने पूर्व जन्म के संस्कारों व इस जन्म के कर्मों पर निर्भर करता है। यह सब एक जीवन में या अनेक जीवन लगाने के बाद संभव हो सकता है। या, साधनाओं में गल्तियां होने पर जहां थे वहीं पर भी रह सकते हैं। परन्तु, अगर हमें ऐसा परात्पर गुरू मिल जाये, जो माता आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा जी से पूर्ण एकाकार हो, जिनका जन्म ही समाज कल्याण के लिए हो, जो जन्म-मरण के चक्र से पूर्णतः मुक्त हो और उनके अन्दर ऐसी सामर्थ्य हो कि वे किसी के भी दुष्कर्मो को नष्ट करके उसे मुक्ति के द्वार तक पहुंचा सकें। ऐसा परात्पर गुरु या अवतार एक युग में एक ही जन्म लेता है। अगर ऐसे अवतार को खोजकर उनके सांनिध्य में हम अपना एक जीवन गुजार दें, उनके बताये हर कार्यों को अपना समझकर करें, उनके द्वारा चलाये जा रहे समाज हित के कार्यों को अपना लक्ष्य मानकर करने लगें और अपना यह जीवन उनके चरणों में पूर्णतः समर्पित कर दे, तो निश्चित ही हम एक जीवन में ही मोक्ष (अमरता) के द्वार तक पहुंच जायेंगे। ध्यान रहे कि यह प्रक्रिया युग परिवर्तन के सन्धिकाल में ही संभव हैं और इस समय वह सन्धिकाल चल रहा है।
जब-जब सत्यधर्म पर असत्य-अधर्म हावी होने लगता है और मानवता कराहने लगती है, तब-तब धर्म के रक्षार्थ अनेकों अवतार समय-समय पर पृथ्वी में जन्म लेते हैं और असत्य-अधर्म के वर्चस्व को घटाकर सत्यधर्म की पुनः स्थापना करते हैं। इसी परम्परा को एक बार पुनः इस कलयुग में दोहराया गया है। यह बात हम नहीं हमारे धर्मग्रन्थ- महाभारत और कल्कि पुराण कह रहे हैं। साथ ही सम्पूर्ण विश्व के अनेकों दिव्यदृष्टिसम्पन्न 400 वर्ष पूर्व से वर्तमान तक के भविष्यवक्ता अपनी-अपनी भविष्यवाणियों में कह रहे हैं कि इस कलियुग में ईश्वर का अवतार हो चुका है, जिस प्रकार त्रेता में भगवान् श्रीराम और द्वापर में भगवान् श्री कृष्ण का अवतार हुआ था। इसी प्रकार कलियुग में भगवान् कल्कि का अवतार हो चुका है। उसका नाम क्या होगा तथा जाति, कार्य, वर्ण, शरीर के अंगों में पडे़ योग, किस देश के किस प्रान्त के किस गांव में जन्म होगा, आदि सभी तथ्य स्पष्ट रूप से लिख गये हैं। अगर उन तथ्यों को इकट्ठा करके उस अवतार को खोजें, तो निश्चित ही हम उनके चरणों तक पहुंच सकते हैं। और अगर हमने माता आदिशक्ति जगत् जननी के अंशावतार ईश्वर को खोज लिया, तो ऊपर लिखी सभी बातें हम इसी जीवन में प्राप्त कर सकते हैं। आवश्यकता है कि हम सभी समय रहते उस सर्वशक्तिमान् ईश्वर (अवतार) की खोज में लग जायें।
हम आपसे वादा करते हैं कि अगर आप हमारे द्वारा उपलब्ध करवाये तथ्यों (प्रमाणों) को समझकर उसके अनुसार खोज में लग जायेंगे, तो उस सत्य तक पहुंचना सुनिश्चित है। क्योंकि जिस सत्य (अवतार) की मैं बात कर रहा हूं, उसकी खोज में मैं सन् 1986 से लगा हूं। इसी क्रम में मैंने अनेकों धार्मिक स्थलों की यात्रा की, अनेकों साधू, सन्तों से मिला, अनेकों धार्मिक संस्थाओं में गया, जगह-जगह उस अवतार की खोज में भटका। परन्तु, मुझे खुशी है कि आज सन् 2012 तक अपने जीवन के 26 वर्ष इस कार्य में लगाने के बाद प्रकृतिसत्ता ने मेरी पुकार सुनी और मुझे उस परम सत्य (कल्कि अवतार) तक पहुंचाया। मेरा परम सौभाग्य रहा कि मुझे उनके सांनिध्य में रहने एवं उनके चरणों की सेवा करने का मौका मिला। उनके दर्शनो के बाद से मेरे जीवन का लक्ष्य उद्देश्य बन गया है कि येन केन प्रकारेण समाज को भी उस सत्य तक पहुंचाने में सहयोग कर सकूं। अपने लिए तो सभी जीते हैं, परन्तु मेरी सोच है कि अपने साथ-साथ समाज के लिए भी जिऊं, जिससे मेरे साथ-साथ समाज का भी कल्याण हो सके।


5 comments:

  1. Kalki Avtar has been born..
    in your article place & dob is wrong except 32 figure
    but my analysis going in correct.
    Read message each sentense very carefully.

    Belive or Not ! but its going 100% True. Yes.AKejriwal is Kalki Avtar. DOB 16aug1968 (Day: Janmastmi, Sivani Mandi
    Childhood name: Krishna), Father Name: Govind, Mother Name: Geeta, New Mahabharat between Congress as Kaurav and AAP as Pandava, ANNA as Bhism, Kejriwal as SriKrishna, Dhatrashtra as MMS, Duryodhan as Rahul, Total 18 Chapter in Mahabharat, Total 18 Promise of AAP. Same situation of Mahabharat after 5000 year. Mentioned in Nastrodums forcasting which going true. ( Mayan Calender date 1 year wrong it is 21/12/2013 not 21/12/2012 )

    belive or not he is Arvind Kejriwal.

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  2. http://kalkiavatarnew2015.blogspot.in/

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  3. साकार विश्व हरि ही परमात्मा हैं और इस धरती पर अपना प्राकट्य कर मौजूद हैं और मानवता भाईचारा प्रेम प्रीति नम्रता सहनशीलता अनेकता में एकता भेदभाव रहित सदज्ञान भक्ति वैराग्य द्वारा धार्मिक आध्यात्मिक आत्मिक बोध कराना भेदभाव रहित मानवीय गुणों को पैदा कराते हुए नये युग का सृजन करना मानव धर्म सत्य धर्म की स्थापना का संदेश मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम सत्य के साथ के द्वारा आयोजन कर रहे हैं जो आज तक किसी भी युग में नहीं हुआ है आज वह वर्तमान में हो रहा है वह बड़े बड़े रहस्य खोल रहे हैं पता - खैरली तहसील कढूमर जिला अलवर राजस्थान।

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  4. साकार विश्व हरि ही परमात्मा हैं और इस धरती पर अपना प्राकट्य कर मौजूद हैं और मानवता भाईचारा प्रेम प्रीति नम्रता सहनशीलता अनेकता में एकता भेदभाव रहित सदज्ञान भक्ति वैराग्य द्वारा धार्मिक आध्यात्मिक आत्मिक बोध कराना भेदभाव रहित मानवीय गुणों को पैदा कराते हुए नये युग का सृजन करना मानव धर्म सत्य धर्म की स्थापना का संदेश मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम सत्य के साथ के द्वारा आयोजन कर रहे हैं जो आज तक किसी भी युग में नहीं हुआ है आज वह वर्तमान में हो रहा है वह बड़े बड़े रहस्य खोल रहे हैं पता - खैरली तहसील कढूमर जिला अलवर राजस्थान।

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  5. GOD KNOW HIM COME TO
    DIVYA JYOTI JAGRATI SANSTHAN

    AND KALKI AVTAAR IS SARV SHRI ASHUTOSH JI MHAHARAJ

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