तीस हजार साल पहले का मानव आटा गूंथता था रोटी बेलता था और पत्थर के तवे पर सेंक कर रोटी तैयार करता था जो उसके मुख्य भोजन में शामिल था। इससे पश्चिमी इतिहासकारों की यह धारणा गलत साबित होती
है कि प्रगैतिहासिक काल में मानव केवल मांसाहारी था।
नेशनल अकादमी आफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित अनुसंधान रिपोर्ट के मुताबिक पुरापाषाण काल के यूरोपीय आलू जैसे किसी शाक को पीस कर आटा बनाते थे और बाद में इसमें पानी मिला कर इस आटे को माढ़ लेते थे। अनुसंधानकर्ताओं में शामिल इटालियन इंस्टीटयूट आफ प्रिहिस्ट्री एडं अर्ली हिस्ट्री की खोजकर्ता लाउरा लोन्गो ने बताया कि यह बिल्कुल चपटी रोटी के जैसा होता था। उन्होंने कहा कि इसे गर्म पत्थरों पर सेंका जाता था, जो पकने के बाद करारी तो भले होती थी लेकिन बहुत स्वादिष्ट नहीं होती थी।
किसी वयस्क की हथेली में लगभग समा जाने वाले और पीसने के काम में आने वाले पत्थर इटली, रूस और चेक गणतंत्र में पुरातात्विक जगहों पर मिले हैं। करीब 30 हजार वर्ष पुराने पत्थरों पर खाद्यान्न के टुकड़े पाए गए हैं, जिससे पता चलता है कि तब का मानव रोटी खाता रहा होगा। हालांकि अब तक यही माना जाता रहा है कि इस काल का मानव मुख्य रूप से मांस का भक्षण करता था।
इससे पहले इजरायल में मिले 20 हजार वर्ष पुराने पत्थरों पर खाद्यान्न मिलने के बाद यह अनुमान लगाया गया था कि पहली बारआटे का इस्तेमाल 20 हजार वर्ष पहले किया गया था। नयी खोज से पता चला है कि रोटी का प्रचलन 30 हजार वर्ष पहले भी था। इस अनुसंधान ने इस धारणा को चुनौती दी है कि प्रागैतिहासिक काल का मानव मुख्य भोजन के रूप में मांस खाता था। नये साक्ष्य बताते हैं कि भारत जैसे देशों के मुख्य भोजन रोटी का उपयोग प्राचीन काल में भी होता था।
है कि प्रगैतिहासिक काल में मानव केवल मांसाहारी था।
नेशनल अकादमी आफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित अनुसंधान रिपोर्ट के मुताबिक पुरापाषाण काल के यूरोपीय आलू जैसे किसी शाक को पीस कर आटा बनाते थे और बाद में इसमें पानी मिला कर इस आटे को माढ़ लेते थे। अनुसंधानकर्ताओं में शामिल इटालियन इंस्टीटयूट आफ प्रिहिस्ट्री एडं अर्ली हिस्ट्री की खोजकर्ता लाउरा लोन्गो ने बताया कि यह बिल्कुल चपटी रोटी के जैसा होता था। उन्होंने कहा कि इसे गर्म पत्थरों पर सेंका जाता था, जो पकने के बाद करारी तो भले होती थी लेकिन बहुत स्वादिष्ट नहीं होती थी।
किसी वयस्क की हथेली में लगभग समा जाने वाले और पीसने के काम में आने वाले पत्थर इटली, रूस और चेक गणतंत्र में पुरातात्विक जगहों पर मिले हैं। करीब 30 हजार वर्ष पुराने पत्थरों पर खाद्यान्न के टुकड़े पाए गए हैं, जिससे पता चलता है कि तब का मानव रोटी खाता रहा होगा। हालांकि अब तक यही माना जाता रहा है कि इस काल का मानव मुख्य रूप से मांस का भक्षण करता था।
इससे पहले इजरायल में मिले 20 हजार वर्ष पुराने पत्थरों पर खाद्यान्न मिलने के बाद यह अनुमान लगाया गया था कि पहली बारआटे का इस्तेमाल 20 हजार वर्ष पहले किया गया था। नयी खोज से पता चला है कि रोटी का प्रचलन 30 हजार वर्ष पहले भी था। इस अनुसंधान ने इस धारणा को चुनौती दी है कि प्रागैतिहासिक काल का मानव मुख्य भोजन के रूप में मांस खाता था। नये साक्ष्य बताते हैं कि भारत जैसे देशों के मुख्य भोजन रोटी का उपयोग प्राचीन काल में भी होता था।
b.p.singhji aap dhundte reh jaoge kalki avtaar koi kyonki kalki avtaar 1962 se pehle nahi hua hai balki kalki avtaar 1983 main hua hai,waise aapki baat bhi kuch sahi hai kyonki kalki avtaar ko gyaan jisse mila hai wo bhi swayam vishnu ka hi avtaar thae jinka janam 1952 main hua tha,unhone hi kalki avtaar ko apna mission saumpa jo poori duniya main khalbali macha dega jisse poori duniya ko apne pramaanu hathiyaar nast karne padenge jyada jaankaari ke liye http;//www.facebook.com/realsonofgod ko check kare
ReplyDeleteदेखिये चैनल साधना प्रतिदिन 7:45 to 8:45
ReplyDeleteNostradamus in his codes predicts 92 Years of peace between the Second World War and the third world war. Hence we arrive at the Year 2037 which ushers in catastrophic changes. The comet ( Jan 2037) and asteroid ( June 2040) according to the Book of Revelations would destroy one third of the land and one third of the sea respectively submerging countries like Japan, South Africa, Singapore, parts of USA ( San Francisco) and ancient civilizations. After the 3 1/2 Years of peace war will breakout in 2041. India will be occupied by China. China and Russia will annex and occupy USA. Europe will be devastated by the Islamic invaders lead by the Mahdi of Greater Arabia who sports a blue turban launching nuclear weapons on it. The war would see 200 million soldiers kill 3 billion people. Read www.war2037.com for Hindu prophecies which mentions Kalki (Sree Veerabhoga Vasantharaya born in 1965-66 ) will restore law and order and usher in 1000 Years of peace from 2064 onwards.
ReplyDeleteNostradamus in his codes predicts 92 Years of peace between the Second World War and the third world war. Hence we arrive at the Year 2037 which ushers in catastrophic changes. The comet ( Jan 2037) and asteroid ( June 2040) according to the Book of Revelations would destroy one third of the land and one third of the sea respectively submerging countries like Japan, South Africa, Singapore, parts of USA ( San Francisco) and ancient civilizations. After the 3 1/2 Years of peace war will breakout in 2041. India will be occupied by China. China and Russia will annex and occupy USA. Europe will be devastated by the Islamic invaders lead by the Mahdi of Greater Arabia who sports a blue turban launching nuclear weapons on it. The war would see 200 million soldiers kill 3 billion people. Read www.war2037.com for Hindu prophecies which mentions Kalki (Sree Veerabhoga Vasantharaya born in 1965-66 ) will restore law and order and usher in 1000 Years of peace from 2064 onwards.
ReplyDeleteये शरीर है तुम्हारा और प्राण भी तुम ही हो ।
ReplyDeleteयह प्रश्न है तुम्हारा और उत्तर भी तुम ही हो ।।
समस्या भी तुम्ही हो,निराकरण भी तुम ही हो ।
ज्ञान भी तुम्हारा और ज्ञाता तुम्ही हो ।।
विधि भी तुम्हारी और विधाता तुम्ही हो ।।