Friday, October 22, 2010

अन्य ग्रहों में भी है जीवन



पृथ्वी के मनुष्यों की तरह, बाहरी ग्रहों के प्राणियों के भी हैं दो हाँथ, दो पाँव और एक सिर वैज्ञानिकों ने संभावना व्यक्त की है कि बार-बार धरती पर दस्तक देकर एक रहस्य छोड़ जाने वाले बाहरी ग्रह
के प्राणियों से 2031 तक पृथ्वी पर मनुष्य की सीधी मुठभेड़ हो जाएगी। रूस की सरकारी संवाद
समिति इंटरफैक्स ने रूसी विज्ञान अकादमी के अंतरिक्ष संस्थान के एक शीर्ष वैज्ञानिक के हवाले से खबर दी है कि पृथ्वी से इतर अन्य ग्रहों पर निश्चित रूप से जीवन है और संभावना है कि धरती के मनुष्य का अगले दो दशकों में उन प्राणियों से आमना सामना आकाशगंगा में हमारे सौरमंडल के अतिरिक्त भी अनगिनत सौरमंडलों है जिनके अपने-अपने सूर्य है।
प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक एंडी फिकेलस्तीन ने कहा कि इन बाहरी सौरमंडलों में अपने अपने सूर्य की परिक्रमा करने वाले ज्ञात ग्रहों में से 10 प्रतिशत पृथ्वी जैसे ही है। उन्होंने कहा कि यदि उन ग्रहों पर पानी है तो फिर वहां जीवन होने की पूरी-पूरी संभावना है। उनका कहना है कि बाहरी ग्रहों के प्राणियों के भी पृथ्वी के मनुष्य की तरह ही दो हाथ, दो पांव और एक सिर है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उनकी चमड़ी का रंग अलग हो लेकिन इस तरह की विविधता तो पृथ्वी के मनुष्यों में भी विद्यमान रहती ही है। उन्होंने कहा कि उनका संस्थान अन्य ग्रहों पर जीवन की मौजूदगी का पता लगाने के काम में पूरी तरह से जुटा हुआ है और अगले 20 वर्षों में यह रहस्य पूरी तरह से खुल जाने की संभावना है।


11 comments:

  1. hindustaan hi nahi poori duniya b.p.songhji ke paakhand phailaane ke liye aabhari hai.....kyonki ye log sochte hai ki bhgawan to hota nahi............kisi bhi dhongi ko pakadkar bhagwan bana do............jo bhavishywaaniyan hui hai unhe apni marzi se ulat palat kar do..........kyonki gyaan to hai nahi..........agar gyaan hota to east india company se kyun pitai karwaate apni...........lekin kya hai vinaashkaale vipreet buddhi......to.............achcha hai pahilao paakhand tumhaari saat peedhiyan sada doonga lok main bhi aur parlok main bhi............kalki avatar http://www.facebook.com/creatroanddestroyer

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  2. Very Interesting details about Kalki -
    http://en.wikipedia.org/wiki/User:Kalakara2001

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  3. http://kalkiavatarnew2015.blogspot.in/

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  4. साकार विश्व हरि परमात्मा ही कल्कि अवतार हैं आज इस धरती पर सगुण साकार में अपना प्राकट्य कर मौजूद है और मानवता भाईचारा प्रेम प्रीति नम्रता सहनशीलता अनेकता में एकता मानव-मानव को गले लगाना मानव मानव को निशुल्क निस्वार्थ निष्पक्ष रूप से जोड़ना सदज्ञान भक्ति वैराग्य द्वारा धार्मिक आध्यात्मिक आत्मिक बोध कराना भेदभाव रहित मानवीय गुणों को पैदा कराते हुए नये युग का सृजन करना मानव धर्म सत्य धर्म की स्थापना का संदेश मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम सत्य के साथ का आयोजन कर दे रहे हैं जो आज तक किसी भी युग में नहीं हुआ है आज वह वर्तमान में हो रहा है वह बड़े बड़े रहस्य खोल रहे हैं। सभी मानव प्रेमी उपासकों को दर्शन देकर कर अपनी कृपादृष्टि द्वारा कृतार्थ कर रहे हैं आप सभी मानव प्रेमी उपासक बन्धु जन सादर आमंत्रित हैं। पता - खैरलीगंज तहसील कढूमर जिला अलवर राजस्थान भारत।

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  8. WO PARMATMA DHARTI PAR AA GAYE HAIN UNKA NAAM HAIN JAGAT GURU TATV DARSHISANT RAMPAL JI MAHARAJ.YEHI EK PARMATMA KI BHAKTI KE BAARE ME BATATE HAIN INKA GYAN HAIN ASLI AUR SAB HAIN NAKHLI.

    JAI HO JAGAT GURU TATV DARSHI SANT RAMPAL JI MAHARAJ KI.

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  9. gun tino ki bhagti me ye bhul para sansar kah kabir nij naam bina kaise utre paar.

    dekha dekhi guru shish ban gaye kiya na tatv vichara,guru shish ke sir par ye kaal thoke panjara.

    ved pade par bhed na jaane bache puran 18 jad ko pujaya nahi pato ko pujaya bhul gaya srijan hara.

    jai ho tatv darshi sant rampal ji maharaj ki.

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  10. परमात्मा धरती पर अवतार ले चुके हैं।लेकिन सभी अपने अपने गुरुओं को ही तारण हार मान कर विश्वास करे बैठे है की हमारा गुरु ही वो अवतार है।बिचार करने योग्य बात है कि जो गुरु बर्तमान में अपने शिष्यो को इस लोक का सुख नहीं दे सकता तो वह परलोक का सुख कैसे दे सकता है।इस संसार में अभी तक सारे गुरु शिष्यों के धन पर ही मौज मार रहे हैं।जो गुरु स्वयं का पेट नहीं भर सकता वो दूसरों को क्या दे सकता है।बर्तमान में सारे गुरु लुटेरे ही साबित हो रहे हैं।केवल संत रामपाल जी महाराज ही ऐसे गुरु है जिनके आश्रम में लाखों की संख्या में भक्तों को निशुल्क रहना,खाना,दवाई,बिस्तर मिलता है।साथ में तारणहार मन्त्र निशुल्क प्रदान किया जाता है।बेशक काल ने अपना प्रयास समय-समय बिघ्न डालने का किया है लेकिन जब निर्धारित समय आएगा दुनिया को पता चल जाएगा।

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  11. परमात्मा धरती पर अवतार ले चुके हैं।लेकिन सभी अपने अपने गुरुओं को ही तारण हार मान कर विश्वास करे बैठे है की हमारा गुरु ही वो अवतार है।बिचार करने योग्य बात है कि जो गुरु बर्तमान में अपने शिष्यो को इस लोक का सुख नहीं दे सकता तो वह परलोक का सुख कैसे दे सकता है।इस संसार में अभी तक सारे गुरु शिष्यों के धन पर ही मौज मार रहे हैं।जो गुरु स्वयं का पेट नहीं भर सकता वो दूसरों को क्या दे सकता है।बर्तमान में सारे गुरु लुटेरे ही साबित हो रहे हैं।केवल संत रामपाल जी महाराज ही ऐसे गुरु है जिनके आश्रम में लाखों की संख्या में भक्तों को निशुल्क रहना,खाना,दवाई,बिस्तर मिलता है।साथ में तारणहार मन्त्र निशुल्क प्रदान किया जाता है।बेशक काल ने अपना प्रयास समय-समय बिघ्न डालने का किया है लेकिन जब निर्धारित समय आएगा दुनिया को पता चल जाएगा।

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